आधी- अधूरी नींद से हों जाएं सावधान
नींद दिमाग को टॉक्सिन फ्री रखती है. तनाव घटाती है एक रिसर्च बताती है कि आधी- अधूरी नींद से अल्जाइमर का कनेक्शन है। याददाश्त घटना, भ्रम महसूस होना और नई चीजों को देरी से समझना अल्जाइमर के लक्षण हैं।अमेरिकन न्यूरोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, नींद में कुछ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के जोखिम को कम करने की क्षमता है। इन न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में अल्जाइमर, पार्किंसंस, ऑटिज्म, डिमेंशिया और रेम स्लीप डिसऑर्डर आदि शामिल हैं। अच्छी नींद लेना न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है और यह इन बीमारियों के विकसित होने के जोखिम को भी कम कर सकता है।
एक स्टडी के मुताबिक
ग्लाइम्फैटिक सिस्टम, जो दिमाग से टॉक्सिन को साफ करती है, केवल नींद के दौरान ही प्रभावी होता है। बेहतर नींद से इम्युनिटी
में सुधार और तनाव घटता है
अगर आप पूरी नींद ले रहे हैं तो आपको एक्सरसाइज के साथ अच्छी आदतों को अपनाने में समय नहीं लगेगा। वहीं, जर्नल ‘न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप एक से ज्यादा भाषाएं बोलते हैं तो आपको अल्जाइमर या डिमेंशिया का खतरा औरों की तुलना में कम होता है। इससे दिमाग का वो हिस्सा ज्यादा एक्टिव रहता है जो टास्क को समझने और किसी भी काम को करने में मददगार होता है।
बीते कुछ सालों से अल्जाइमर
एक सामान्य बीमारी बनती जा रही है। अल्जाइमर ऐसी दिमागी बीमारी है, जो मरीज के दिमाग को कमजोर कर याददाश्त पर असर डालती है। पहले
यह बीमारी ज्यादातर बुजुगों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन तनाव की वजह से अब कम उम्र के व्यक्ति भी इसका शिकार
बन रहे हैं। अल्जाइमर के बढ़ने की एक मुख्य वजह जागरुकता की कमी भी है। इसे लोग
गंभीरता से नहीं लेते। ज्यादातर लोग मानते है कि उम्र के साथ याददाश्त का कमजोर
होना सामान्य है।
इस वजह से अधिकतर लोग बिना
ट्रीटमेंट के कई तरह की डिसऑर्डर का सामना कर रहे हैं। लोगों की इसी सोच को बदलने
के उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे मनाया जाता है
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत
में 40 लाख से ज्यादा लोग अल्जाइमर के शिकार हैं। विज्ञान कहता है
कि बढ़ती उम्र में भी आप अपने दिमाग की सेहत को बरकरार रख सकते हैं। जैसे.... नींद
अल्जाइमर के खिलाफ सबसे ज्यादा कारगर है। अगर आप आठ घंटे की पूरी नींद लेते हैं तो
यह आपको टॉक्सिन फ्री रखती है। इसी तरह एक रिसर्च बताती है कि अगर आप दो भाषाएं
बोलते हैं तो अल्जाइमर का खतरा औसतन चार साल तक घट सकता है।
अच्छी नींद के लिए क्या
करे
1) अच्छी नींद के लिए ब्रीदिंग फॉर्मूला अपनाएं। चार की गिनती
तक सांस लें और फिर आठ की गिनती तक सांस छोड़ें। यह गहरी नींद के लिए कारगार है।
2) नींद का शेड्यूल बनाए रखें, रोज एक ही
समय पर बिस्तर पर जाएं और उठें।
3) दोपहर 3 बजे के बाद कैफीन के सेवन से
बचें। कॉफी में मौजूद कैफीन आपके सिस्टम में 8 घंटे तक सक्रिय रह सकता
है।
4) सुबह नियमित व्यायाम करें, अधिक फल और
सब्जियां खाएं, सोने के समय के ठीक पहले खाने से बचें।
5)
बिस्तर, गद्दा और तकिया अच्छी नींद लेने और जोड़ों या पीठ दर्द को बहुत प्रभावित कर सकता है। इसलिए अपने बिस्तर पर
विशेष ध्यान दें।
6)
सोने के समय तरल पदार्थ का सेवन कम से कम करने की कोशिश करें, अन्यथा यूरिनेशन आपकी नींद में रुकावट पैदा कर सकता है। साथ ही, सोने से ठीक पहले बाथरूम अवश्य जाएं।
7)
सोने से 2 से 3 घंटे पहले अपने घर व कमरे की लाइट को डिम कर दें। कम रोशनी का स्तर आपके
मस्तिष्क को मेलाटोनिन बनाने का संकेत देता है जिससे नींद अच्छी आती है।
8)
बेड टाइम में हल्का
सा भी शोर आपकी नींद को डिस्टर्ब कर सकता है। इसलिए, अपने घर को सोते समय साउंड प्रूफ बनाने की कोशिश करें।
9)
सोने से पहले
स्मोकिंग ना करें। कैफीन की तरह ही निकोटीन एक उत्तेजक है जो आपको सोने से रोक
सकता है
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