प्रकृति एवं भविष्य को बेहतर बनाने के लिए खुद का बगीचा तैयार करे •
यदि आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं या भूमि की कमी के कारण पौधारोपण नही कर पा रहे हैं तो आप गमलो से ही पौधे लगाना शुरु करे |अब हमारे लिए वो समय है जब पौधारोपण हमारे लिए इच्छा का विषय नही रहा है बल्कि हमारी मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है। प्रकृति एवं भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हमें यह काम आज और अभी से ही करना ही होगा। गमला लेते वक्त जल निकासी की सुविधा को जरूर परख ले।
आप निम्नलिखित पौधों को लगाकर खुद की बगिया बना सकते हैं।
1.रसोई उपयोगी पौधे - धनिया, पुदीना, अजवाइन, सौंफ, मेथी, टमाटर, पान, मीठा नीम,बैंगन व पालक |
2.आयुर्वेदिक
पौधे-लेमन ग्रास, अश्वगंधा, तुलसी, गिलोय, पिपरमिंट, इन्सुलिन,एलोवेरा, हल्दी व अदरक
।
3.सजावटी पौधे-स्नेक प्लांट, जेड प्लांट, स्पाइडरलिली, मनी प्लांट, पीस लिलीऔर बांस
4.फूलों वाले पौधे-गेंदा, शेवंती, चमेली, चांदनी, मोगरा, गुलाब, रजनीगंधा,जासवंत ।
यदि आपके घर या किसी भी आसपास के स्थान पर पौधे लगाने के लिए पर्याप्त स्थान है तो पौधारोपण या बीजरोपण के कुछ दिन पहले आपको क्या करना चाहिएआइए जानते हैं-
*घनत्व वाले किसी पेड़ का तैयार पौधा लगाना है तो ऐसा स्थान चुनें, जहां कोई पेड़ या दीवार न हो।
* ढलान का भी विशेष
ध्यान रखें। ढलान वाले स्थान पर तैयार पौधा लगाने से उसे पानी तो पर्याप्त मिलेगा
लेकिन बड़ा होने पर उसकी जड़ जमीन पर मजबूती नहीं बना सकेगी।
*ऐसे किसी स्थान पर पौधा लगा सकते हैं जहां ढलान के साथ समतल जमीन हो। ऐसे में समतल जगह पर पौधा रोप दें और ढलान से उस तक भरपूर पानी पहुंचेगा
*ऐसी भूमि जिस पर या आसपास पहले से खरपतवार हो, वहां पौधारोपण नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह पौधे को बढ़ने नहीं देगी।
जुलाई में पौधारोपण करना है तो उसके लिए अभी से गड्ढा तैयार कर लें। तत्काल गड्ढा खोदकर पौधा लगाने से जड़ें नीचे तक पहुंच नहीं पाती हैं। एक से अधिक पौधे लगा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि दोनों के मध्य 10से 12 मीटर की दूरी हो ताकि पौधा जब पेड़ बन रहा हो तो पड़ोसी वृक्ष विकास में बाधा न बने।
पहला चरण... आम, अमरूद, नीम, आंवला, बेल व पीपल के पौधे रोपने या बीज डालने के लिए गड्ढे को पहले डेढ़ फीट तक खोदें और मिट्टी निकालकर रख लें। अब इस मिट्टी से ऊपरी सतह की पुरानी माटी को अलग कर दें। बीज डालने के लिए डेढ़ फीट व पौधारोपण के लिए दो फीट खुदाई पर्याप्त होगी।
दूसरा चरण... गड्ढा खोदने के बाद अब उसमें गोबर की खाद व नीम की खली डालें। इसके अलावा यूरिया, पोटाश, फास्फेट, सल्फेट, रिजेंट और ट्राइकोडर्मा को निकाली हुई माटी के साथ मिलाकर गड्ढे में डालकर छोड़ दें। पहली बारिश होते ही पौधारोपण न करें। मानसून के शुरुआती दिनों की बारिश नए पौधे के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। थोड़ी बारिश हो जाने के बाद पौधारोपण जुलाई- अगस्त में करें।
0 Comments