पर्यावरण और पर्यावरण के प्रकार detail in Hindi

   🌳🌳पर्यावरण🌳🌳

जीवधारियों एवं वनस्पतियों के चारों ओर जो आवरण है, वह पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द (Environ) से हुई है, जिसका अर्थ है-आवृत्त या घिरा हुआ। 'पर्यावरण' जैविक (Biotic) तथा अजैविक (Abiotic) अवयवों का सम्मिश्रण है, जो जीवों को अनेक प्रकार से प्रभावित करता है। पर्यावरण के कुछ कारक संसाधन के रूप में कार्य करते हैं, जबकि अन्य कारक नियन्त्रक का कार्य करते हैं।


पर्यावरण के प्रकार

पर्यावरण एक जैविक एवं भौतिक संकल्पना है इसलिए इसके अन्तर्गत केवल प्राकृतिक वातावरण को ही नहीं, बल्कि मानवजनित पर्यावरण जैसे-सामाजिक सांस्कृतिक पर्यावरण को भी शामिल किया जाता है।

सामान्य: पर्यावरण को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है

(i) प्राकृतिक पर्यावरण

प्राकृतिक पर्यावरण (Natural Environment) के अन्तर्गत वे सभी जैविक (Organic) एवं अजैविक (Inorganic) तत्त्व शामिल हैं, जो पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। इसी आधार पर प्राकृतिक पर्यावरण को जैविक एवं अजैविक भागों में बाँटा जाता है। जैविक तत्वों में सूक्ष्म जीव, पौधे एवं जन्तु शामिल हैं तथा अजैविक तत्वों के अन्तर्गत ऊर्जा, उत्सर्जन, तापमान, ऊष्मा प्रवाह, जल, वायुमण्डलीय गैसें,वायु, अग्नि, गुरुत्वाकर्षण, उच्चावच एवं मृदा शामिल हैं।


(ii) मानव निर्मित पर्यावरण

मानव निर्मित पर्यावरण (Man-Made Environment) के अन्तर्गत वे सभी स्थान सम्मिलित हैं, जो मानव ने कृत्रिम (Artificial) रूप से निर्मित किए हैं। जैसे-कृषि क्षेत्र, औद्योगिक शहर, वायु पत्तन, अन्तरिक्ष स्टेशन आदि हैं। जनसंख्या वृद्धि एवं आर्थिक विकास के कारण मानव निर्मित पर्यावरण का क्षेत्र एवं प्रभाव बढ़ता जा रहा है।


(iii) सामाजिक पर्यावरण

सामाजिक पर्यावरण (Social Environment) में सांस्कृतिक मूल्य एवं मान्यताओं को सम्मिलित किया जाता है। पृथ्वी पर भाषायी, धार्मिक रीति-रिवाजों, जीवन-शैली आदि के आधार पर सांस्कृतिक पर्यावरण (Cultural Environment) का निर्माण होता है। राजनीतिक, आर्थिक एवं धार्मिक संस्था या संगठन, सामाजिक पर्यावरण का हिस्सा होने के साथ-साथ यह निर्धारित करते हैं कि पर्यावरणीय संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाएगा और किन लाभों के लिए किया जाएगा।


पर्यावरण के संघटक

पर्यावरण के संघटक (Components) मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं

(i) अजैविक संघटक

इनको भौतिक घटकों के नाम से भी जाना जाता है। अजैविक या भौतिक संघटक (Abiotic and Physical Component) के अन्तर्गत समस्त जीवमण्डल या उसके किसी भाग के भौतिक पर्यावरण को सम्मिलित किया जाता है। ये जैविक घटकों के विकास के लिए अनिवार्य होते हैं, जिनके अन्तर्गत मुख्यतः मृदा, वायु तथा जल आते हैं।

(ii) जैविक संघटक

जैविक संघटकों (Biotic Component) में पृथ्वी पर स्थित सभी जीवित प्राणी तथा पादप (Flora and Fauna) शामिल हैं। पर्यावरण के अजैविक घटक एवं जैविक घटकों के आपसी अन्त:क्रिया के परिणामस्वरूप विभिन्न परितंत्र का निर्माण होता है।

 पर्यावरण की मुख्य विशेषताएँ

पर्यावरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

🌳जैविक एवं अजैविक तत्वों के योग को पर्यावरण कहते हैं।

🌳जैविक विविधता (Biodiversity), प्राकृतिक वास तथा ऊर्जा (Energy) किसी पर्यावरण के मुख्य तत्त्व होते हैं। पर्यावरण में समय तथा स्थान के साथ परिवर्तन होता रहता है।

🌳पर्यावरण जैविक एवं अजैविक पदार्थों के कार्यात्मक (Functional) सम्बन्ध पर आधारित होता है। पर्यावरण की कार्यात्मकता (Functioning) ऊर्जा संचार पर निर्भर करती है।

🌳पर्यावरण  जैविक पदार्थों (Organic Matter) का उत्पादन करता है, जो विभिन्न जलवायु एवं स्थानों पर अलग-अलग होते हैं। पर्यावरण सामान्यत: पारिस्थितिकी संतुलन स्थापित करने की ओर अग्रसर रहता है।

🌳पर्यावरण एक बन्द तन्त्र है। इसके अन्तर्गत प्राकृतिक पर्यावरण तन्त्र स्वत: नियंत्रण क्रियाविधि, जिसे होमियोस्टेटिक क्रियाविधि (Homeostatic Mechanism) कहते हैं, के द्वारा नियन्त्रित होता है।

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